मां तेरा आंचल
ओ मां तेरा आंचल जो मिला हम को
आंखें खोलते ही इस दुनिया में,
खुशनसीब है हम जो रहे बरसों
तेरे इसी आंचल के साए में;
मिली खुशियां हज़ार हमें यहां
गम के तो साए भी रहें दूर हमसे
तेरे आंचल के साए में लिपट के
ख्वाबों की दुनिया में सोए सुकून से
रहे हमेशा साथ तेरा
सिर पर दुआओं का हाथ तेरा
और रहे सलामत तेरा यह आंचल भी
है यही तो सब कुछ मेरा!
समाप्त।।।
Simrana
Punam verma
29-Nov-2021 10:09 PM
Waaah
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Seema Priyadarshini sahay
24-Sep-2021 10:20 PM
बहुत खूबसूरत रचना
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Gunjan Kamal
24-Sep-2021 09:36 PM
वाह मैम बहुत खूब👏👏🙏🏻
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